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Uttarakhand News | Haridwar Kumbh 2027: अर्धकुंभ मेले का प्रशासनिक भवन बनेगा हाईटेक, रियल-टाइम मॉनिटरिंग से होगी व्यवस्था पर नजर

हरिद्वार, 12 अक्टूबर 2025

 आगामी अर्धकुंभ मेला 2027 को लेकर हरिद्वार प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी हैं। इस बार मेले में तकनीक का भरपूर उपयोग किया जाएगा ताकि भीड़ प्रबंधन से लेकर सुरक्षा तक हर व्यवस्था बेहतर ढंग से संचालित हो सके। इसी कड़ी में कुंभ मेले के मुख्य प्रशासनिक भवन को हाईटेक बनाने की योजना पर काम शुरू हो गया है।


 प्रशासनिक भवन होगा तकनीकी रूप से उन्नत

अर्धकुंभ मेले के दौरान यही भवन कंट्रोल रूम के रूप में कार्य करेगा, जहाँ से सभी विभागों की गतिविधियों पर रियल-टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी।
भवन में आधुनिक सीसीटीवी सिस्टम, पब्लिक एड्रेस यूनिट, डिजिटल मॉनिटरिंग नेटवर्क, फायर अलार्म और स्मार्ट सिग्नलिंग सिस्टम लगाए जाएंगे।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 3.47 करोड़ रुपये रखी गई है।
भवन में विभिन्न विभागों के अधिकारी, आपातकालीन प्रबंधन केंद्र और प्रशासनिक इकाइयाँ एक ही परिसर में कार्य करेंगी, जिससे समन्वय और त्वरित निर्णय लेने में आसानी होगी।


 बैरागी कैंप में बनेगा 1500 किलोलीटर का ओवरहेड टैंक

श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बैरागी कैंप में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था को सुदृढ़ किया जा रहा है।
यहाँ 1500 किलोलीटर क्षमता के ओवरहेड टैंक, दो ट्यूबवेल और पंप हाउस का निर्माण किया जाएगा।
इस कार्य पर 3.65 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
इससे मेले के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को स्वच्छ और निर्बाध पेयजल मिल सकेगा।


 घाटों का होगा सौंदर्यीकरण और सुरक्षा इंतज़ाम

कुंभ मेले में घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने ऋषिकुल, अमरापुर, सतनाम साक्षी घाट और अपर गंगा नहर क्षेत्र में घाटों के पुनर्निर्माण व सुंदरीकरण की योजना बनाई है।
घाटों पर नई स्टेप्स, रेलिंग, हाईमास्ट लाइटें और सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जा सके।


 सड़क चौड़ीकरण से घटेगा जाम

यातायात प्रबंधन को सुचारु बनाने के लिए बहादराबाद से शिवालिक नगर तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य किया जाएगा।
इसके साथ ही धनौरी-सिडकुल मार्ग की मरम्मत भी कराई जाएगी।
सड़कों के सुधरने से जाम और दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है।


 निष्कर्ष

हरिद्वार में अर्धकुंभ 2027 न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा बल्कि प्रशासनिक और तकनीकी दृष्टिकोण से भी एक नया अध्याय जोड़ेगा।
हाईटेक मॉनिटरिंग सिस्टम, बेहतर सड़क नेटवर्क, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था और आधुनिक घाट निर्माण से यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यवस्थित बनने की दिशा में अग्रसर है।

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