देहरादून, 24 जून 2025
उत्तराखंड में इस वर्ष 11 जुलाई से शुरू हो रही कांवड़ यात्रा 2025 को लेकर शासन-प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने यात्रा के दौरान अराजक तत्वों, नशे में उत्पात मचाने वालों और शांति भंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही बड़े डीजे के इस्तेमाल पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।
हुड़दंग बर्दाश्त नहीं, व्यवस्था में कोताही पर कार्रवाई
मुख्य सचिव ने स्पष्ट कहा कि यात्रा के दौरान यदि पेयजल, साफ-सफाई, शौचालय, पार्किंग जैसी बुनियादी सुविधाओं में किसी भी तरह की लापरवाही पाई जाती है, तो जिम्मेदार अधिकारियों और कार्यदायी एजेंसियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।
क्या-क्या दिए गए निर्देश?
प्रशासन को:
- सभी ज़रूरी व्यवस्थाएं समय से पूरी करें
- यात्री सुविधाओं में कोई भी कमी न रहे
- सुरक्षा, ट्रैफिक, भीड़ नियंत्रण की योजनाएं समय रहते फाइनल करें
नगर निकायों को:
- नियमित साफ-सफाई, शौचालयों की व्यवस्था
- पार्किंग स्पॉट्स की सफाई और सुरक्षा सुनिश्चित करें
जल संस्थान को:
- पेयजल की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना होगा
खाद्य सुरक्षा विभाग को:
- खाद्य सामग्री की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी
- मनमाने दाम पर बिक्री पर रोक लगाने के आदेश
सिंचाई विभाग को:
- सभी स्नान घाटों, पुलों पर सफाई और सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण करें
कांवड़ यात्रा का कार्यक्रम
- कांवड़ मेला अवधि: 11 जुलाई से 23 जुलाई
- पंचक काल: 13 जुलाई से 17 जुलाई
- डाक कांवड़: 20 जुलाई से 23 जुलाई
- जलाभिषेक (श्रावण शिवरात्रि): 23 जुलाई
रूट प्लान और सुरक्षा रणनीति
बैठक में हरिद्वार के डीएम और एसएसपी ने यात्रा की तैयारियों को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। कांवड़ मेले को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टरों में बांटा गया है।
प्रशासन द्वारा स्थायी व अस्थायी पार्किंग, रूट डायवर्जन, और वाहनों की मूवमेंट के अनुसार यातायात प्लान तैयार किया गया है ताकि मेले के दौरान किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
ADG से लेकर मंडलायुक्त तक रहे मौजूद
बैठक में अपर पुलिस महानिदेशक वी मुरुगेशन, गढ़वाल मंडलायुक्त विनय शंकर पांडेय, महानिरीक्षक के.एस. नगन्याल, और अन्य उच्च अधिकारी उपस्थित रहे। सभी को अपने-अपने स्तर पर कांवड़ यात्रा की सफल और शांतिपूर्ण संचालन सुनिश्चित करने को कहा गया।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने दो टूक कहा:
“कांवड़ यात्रा आस्था का विषय है, लेकिन किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था से समझौता नहीं होगा। शांति, सुरक्षा और सुव्यवस्था के लिए सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें।”
उत्तराखंड प्रशासन इस बार कांवड़ यात्रा को एक नई रूपरेखा के साथ ज्यादा सुरक्षित, सुविधाजनक और अनुशासित बनाने में जुटा है। श्रद्धा बनी रहे, व्यवस्था भी!”