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Weather Alert Uttarakhand: नैनीताल-बागेश्वर में भारी बारिश की चेतावनी, मतदान पर असर, प्रशासन अलर्ट पर

स्थान: देहरादून | अपडेटेड: 24 जुलाई 2025

पहले चरण की वोटिंग में बारिश बनी बाधा, पहाड़ी जिलों में येलो अलर्ट जारी

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के पहले चरण के मतदान की प्रक्रिया जारी है, लेकिन बदला मौसम अब सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
राज्य के नैनीताल, बागेश्वर, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली जैसे जिलों में लगातार बारिश की वजह से मतदान की रफ्तार धीमी पड़ती नजर आ रही है।

मौसम विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी करते हुए आज भारी बारिश, गरज और चमक की संभावना जताई है। साथ ही देहरादून, हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जैसे मैदानी जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।


तापमान और मौसम का पूर्वानुमान:

  • अधिकतम तापमान: 32 डिग्री सेल्सियस
  • न्यूनतम तापमान: 23 डिग्री सेल्सियस
  • देहरादून में आसमान: बादलों से घिरा, हल्की फुहारें संभव

सड़कों पर मलबा, नदियों में उफान, जीवन प्रभावित

राज्य के कई क्षेत्रों में तेज बारिश के कारण पहाड़ी सड़कों पर भूस्खलन और मलबा गिरने की घटनाएं सामने आई हैं।

  • बोल्डर गिरने से सड़कें बंद, वाहनों की लंबी कतारें
  • कई ग्रामीण मार्गों पर यातायात ठप
  • नदी-नाले उफान पर, जान जोखिम में डालकर पार कर रहे लोग
  • सांपों के घरों में घुसने की घटनाएं, ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत
  • मौसमी बीमारियों में इजाफा, अस्पतालों में सतर्कता बढ़ाई गई

प्रशासन अलर्ट मोड में, आपदा प्रबंधन सक्रिय

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने सभी संवेदनशील क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन टीमें तैनात कर दी हैं।
जनपद स्तर पर कंट्रोल रूम सक्रिय, राहत व बचाव दलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

जनता से अपील:

“बिल्कुल जरूरी न हो तो घर से बाहर न निकलें, नदियों-नालों के पास न जाएं और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।”


चुनाव ड्यूटी पर भी असर, मतदान केंद्रों पर परेशानी

बारिश का सीधा असर चुनाव ड्यूटी और मतदान केंद्रों पर भी देखने को मिल रहा है।

  • कई मतदान केंद्रों पर जलभराव
  • मतदाताओं की संख्या में गिरावट
  • कर्मचारियों को समय से पहुंचने में दिक्कत

हालांकि, प्रशासन और निर्वाचन आयोग की ओर से व्यवस्थाएं संभालने के प्रयास लगातार जारी हैं।


निष्कर्ष:

उत्तराखंड में मौसम की मार ने न सिर्फ आम जनजीवन को प्रभावित किया है, बल्कि पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर भी असर डाला है। सरकार और प्रशासन लगातार हालात पर नजर रखे हुए हैं। ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है।

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