उत्तराखंड सरकार ने सभी विभागों में संविदा और आउटसोर्स भर्ती पर प्रतिबंध लगा दिया है जिससे स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में स्टाफ की कमी का खतरा बढ़ गया है। वार्ड ब्वाय से लेकर डॉक्टर तक के पद प्रभावित हो रहे हैं। सरकार के इस निर्णय से चिकित्सा शिक्षा विभाग को संविदा और आउटसोर्स भर्ती संबंधी आदेश से मुक्त रखने का अनुरोध किया गया है।
मरीजों को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
उदाहरण के लिए मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर करने के लिए नियमित तौर पर साक्षात्कार आयोजित किए जाते हैं। पर संविदा व आउटसोर्स भर्ती बंद होने से यह प्रक्रिया भी लटक गई है। जिसका खामियाजा कहीं न कहीं मरीजों को भुगतना पड़ेगा।
शासन को भेजा है प्रस्ताव
स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सामने खड़ी हो गई चुनौती, मरीजों की आफत
दून मेडिकल कालेज अस्पताल की आइपीडी में तैनात एकमात्र रेडियोलाजिस्ट डा. सौरभ सच्चर का अनुबंध आगामी 30 मई को समाप्त हो रहा है। वह फिलहाल असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात हैं। बताया गया कि गत दिसंबर में उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर हो जाना था। पर कुछ तकनीकी कारणों से मामला खिंचता चला गया। अब यदि एसोसिएट प्रोफेसर बनना है तो इसके लिए उन्हें नए सिरे से साक्षात्कार में शामिल होना होगा। पर आउटसोर्स भर्ती पर रोक के कारण साक्षात्कार फिलहाल बंद हैं। असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर अनुबंध बढ़ाने के डा. सच्चर इच्छुक नहीं हैं। ऐसे में उनका अनुबंध समाप्त होने से आइपीडी के अल्ट्रासाउंड अटक सकते हैं।
इन पदों पर चाहिए नियुक्ति
विदेश जा रहे हैं डॉक्टर शिवम डांग
अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डा. शिवम डांग फेलोशिप के लिए विदेश जा रहे हैं। ऐसे में उन्होंने नौकरी छोड़ दी है। वह फिलहाल नोटिस पीरियड में हैं और 24 मई को उनका अनुबंध समाप्त हो जाएगा। उनके कार्यमुक्त होने के बाद प्लास्टिक सर्जरी विभाग में आपरेशन पूरी तरह ठप हो जाएंगे। ऐसे में मरीजों की परेशानी बढ़ेगी। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि एक महिला प्लास्टिक सर्जन उनकी जगह ज्वाइन करने की इच्छुक हैं। पर आउटसोर्स पर उनकी नियुक्ति कैसे होगी, यह बड़ा सवाल है।