देहरादून, 1 सितंबर 2025
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक और बड़े वादे को पूरा करते हुए सेवामुक्त अग्निवीरों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण देने की घोषणा कर दी। सोमवार को कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने औपचारिक रूप से “उत्तराखंड राज्याधीन सेवाओं में समूह-ग की सीधी भर्ती के वर्दीधारी पदों पर सेवायोजन हेतु क्षैतिज आरक्षण नियमावली–2025” जारी कर दी।
वर्दीधारी पदों पर मिलेगा सीधा लाभ
नई नियमावली के तहत सेवामुक्त अग्निवीरों को पुलिस आरक्षी (नागरिक/पीएसी), उप निरीक्षक, प्लाटून कमांडर पीएसी, अग्निशामक, अग्निशमन द्वितीय अधिकारी, बंदी रक्षक, उप कारापाल, वन आरक्षी, वन दरोगा, आबकारी सिपाही, प्रवर्तन सिपाही और सचिवालय रक्षक जैसे महत्वपूर्ण वर्दीधारी पदों पर 10% क्षैतिज आरक्षण मिलेगा। साथ ही, उन्हें टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में भी सेवायोजन का अवसर मिलेगा।
धामी का मास्टर स्ट्रोक
विशेषज्ञों का कहना है कि सैन्य बहुल प्रदेश उत्तराखंड के लिए यह फैसला “मास्टर स्ट्रोक” है। इससे न केवल अग्निवीरों के भविष्य को सुरक्षित किया जा सकेगा बल्कि युवाओं में सेना से जुड़ने की प्रेरणा भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “देश की सेवा कर लौटे पूर्व अग्निवीर प्रदेश का गौरव हैं। उन्हें सम्मान और रोजगार का अवसर देना हमारी जिम्मेदारी है।”
शहीद परिवारों के लिए राहत
अग्निवीरों के साथ-साथ राज्य सरकार ने शहीद सैनिकों और वीर बलिदानियों के परिवारों के लिए भी बड़े निर्णय लिए हैं।
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शहीद सैनिकों के परिजनों की अनुग्रह राशि 10 लाख से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई।
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परमवीर चक्र विजेताओं की अनुग्रह राशि 50 लाख से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दी गई।
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वीर बलिदानी परिवारों में से एक परिजन को सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी।
सैन्य धाम का निर्माण पूर्ण
राज्य की गौरवशाली सैन्य परंपरा को सम्मान देने के लिए देहरादून में पांचवें धाम के रूप में सैन्य धाम का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। यह धाम वीरता और बलिदान की अनोखी मिसाल पेश करेगा और आने वाली पीढ़ियों को शौर्यगाथा से जोड़ने का माध्यम बनेगा।
वीरभूमि उत्तराखंड
उत्तराखंड को देवभूमि के साथ-साथ वीरभूमि भी कहा जाता है। यहां लगभग हर परिवार से कोई न कोई सदस्य सेना में सेवा कर सीमाओं की रक्षा करता है। मुख्यमंत्री धामी के ये निर्णय इस सैन्य परंपरा को और मजबूत बनाने वाले माने जा रहे हैं।