देहरादून, 11 सितंबर 2025
मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अवैध निर्माण और प्लाटिंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। बीते एक महीने में एमडीडीए ने 150 बीघा से अधिक अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किया और एक दर्जन से ज्यादा बहुमंजिला भवनों पर सील लगा दी।
कई इलाकों में चला बुलडोज़र
एमडीडीए की टीम ने पिछले महीने जिन क्षेत्रों में कार्रवाई की, उनमें डोईवाला का झाबरावाला (18 बीघा), रानीपोखरी का डांडी गांव (12 बीघा), भानियावाला का बक्सरवाला (25 बीघा) और हरिद्वार रोड स्थित साईं मंदिर के पास (40 बीघा) शामिल हैं।
इसके अलावा शीशमबाड़ा (10 बीघा) और रूपनगर बद्रीपुर (5 बीघा) में भी अवैध प्लाटिंग तोड़ी गई। माजरी ग्रांट, हरिद्वार रोड, नेहरू कॉलोनी, सहस्रधारा रोड और शिमला बाईपास हिंदूवाला क्षेत्र में अवैध इमारतों को सील किया गया।
सबसे बड़ी कार्रवाई ऋषिकेश में हुई, जहां निर्मल बाग, वीरभद्र रोड, गली नंबर 10-11 और कोयल ग्रांट सहित कई जगहों पर बहुमंजिला इमारतों को सील कर दिया गया।
जीरो टॉलरेंस की नीति
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद यह अभियान और सख्ती से चलाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “अवैध प्लाटिंग और नियमविरुद्ध निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होंगे। यह कार्रवाई आख़िरी कदम नहीं है, आगे भी लगातार जारी रहेगी।”
जनता को चेतावनी और अपील
एमडीडीए ने आम जनता को चेतावनी देते हुए अपील की है कि वे प्रॉपर्टी खरीदते समय पूरी जांच करें। प्राधिकरण ने कहा कि किसी भी प्लाट या इमारत की वैधता की पुष्टि किए बिना खरीद करना आर्थिक नुकसान और कानूनी संकट का कारण बन सकता है।
योजनाबद्ध विकास पर जोर
तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड की प्राकृतिक खूबसूरती और योजनाबद्ध विकास को बचाने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी है। अवैध निर्माण न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों और प्रदेश की पहचान के लिए भी खतरा बन जाते हैं।
बुलडोज़र और पुलिस बल की मौजूदगी में की गई इस कार्रवाई ने अवैध प्लाटिंग और निर्माण माफियाओं को कड़ा संदेश दिया है कि अब बख्शा नहीं जाएगा।
यह अभियान आने वाले समय में और तेज होगा, ताकि देहरादून और आसपास के क्षेत्र में स्मार्ट व नियोजित विकास सुनिश्चित किया जा सके।