BREAKING

श्री देव सुमन विश्वविद्यालय ने 17 कॉलेजों पर कसा शिकंजा, प्रवेश और परीक्षा परिणामों पर तत्काल रोक

बिना मान्यता संचालित हो रहे कॉलेजों का राज्य सूचना आयोग में हुआ बड़ा खुलासा, विवि ने अपनाया सख्त रुख

देहरादून, 26 जून 2025

उत्तराखंड की उच्च शिक्षा व्यवस्था में बड़ी कार्रवाई करते हुए श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय ने राज्य के 17 कॉलेजों के खिलाफ कड़ा फैसला लिया है। बिना मान्यता और संबद्धता के वर्षों से संचालित हो रहे इन कॉलेजों के प्रवेश और परीक्षा परिणामों पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है।

इस कार्रवाई के पीछे एक आरटीआई अपील की सुनवाई के दौरान राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट के समक्ष हुआ चौंकाने वाला खुलासा है, जिसमें इन संस्थानों की घोर लापरवाही और विश्वविद्यालय नियमों की अनदेखी सामने आई।


क्या है मामला?

इन कॉलेजों ने न तो विश्वविद्यालय से संबद्धता ली, न ही नियमानुसार फैकल्टी चयन या संस्थान निरीक्षण से जुड़े दस्तावेज उपलब्ध कराए। विश्वविद्यालय की ओर से बार-बार निर्देश दिए जाने और 12 स्मरण पत्र भेजे जाने के बावजूद इन संस्थानों ने प्रक्रिया पूरी नहीं की।

16 जून को विश्वविद्यालय मुख्यालय में हुई बैठक में भी इन्हें अंतिम चेतावनी दी गई थी। कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने स्पष्ट किया कि तय समय में कार्रवाई न होने पर विवश होकर यह निर्णय लिया गया।


जिन कॉलेजों पर कार्रवाई की गई:

  1. बीएसएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रुड़की
  2. बीएसएम (पी.जी.) कॉलेज, रुड़की
  3. दून इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर एंड एलाइड साइंसेज, शंकरपुर, देहरादून
  4. गढ़वाल महाविद्यालय, बंदरकोट, उत्तरकाशी
  5. ज्ञान उदय कॉलेज ऑफ हायर एजुकेशन, कृष्णा नगर, रुड़की
  6. आइडियल बिजनेस स्कूल, हरिद्वार
  7. इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, देहरादून
  8. जीवन ज्योति कॉलेज ऑफ कॉमर्स मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, दयालपुर
  9. एम.पी.जी. कॉलेज, मसूरी
  10. एन.डब्ल्यू.टी. कॉलेज, लाडपुर, देहरादून
  11. एस.बी. कॉलेज ऑफ एजुकेशन, विकासनगर, देहरादून
  12. संस्कृति इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज, नसीरपुर, हरिद्वार
  13. एसजीबीजी मेमोरियल कॉलेज ऑफ एजुकेशन, हरणी, चमोली
  14. सृष्टि इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन, पुहाना, रुड़की
  15. उत्तरांचल कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, नागल हरनाला, देहरादून
  16. उत्तरांचल पी.जी. कॉलेज, पथरी, हरिद्वार
  17. वी.एम.के. पी.जी. कॉलेज, मंगलौर, हरिद्वार

विश्वविद्यालय प्रशासन का कड़ा संदेश

कुलपति एन.के. जोशी ने कहा,

“यह कार्रवाई उन संस्थानों के लिए कड़ी चेतावनी है जो विश्वविद्यालय के निर्देशों को लगातार अनदेखा कर रहे हैं। यदि भविष्य में कोई भी कॉलेज अनियमितता करेगा तो और सख्त कदम उठाए जाएंगे।”


शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता की मांग

इस मामले ने एक बार फिर शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और नियमन की आवश्यकता को रेखांकित किया है। हजारों छात्रों का भविष्य अधर में लटक सकता है यदि संस्थान मानकों का पालन नहीं करते।

छात्रों और अभिभावकों को सलाह है कि किसी भी संस्थान में प्रवेश लेने से पहले उसकी मान्यता और संबद्धता की स्थिति की जांच जरूर करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *