विवि के कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने बताया कि विवि की ओर से गठित समिति की ओर से संस्तुति और कुलपति प्रो. एनके जोशी के अनुमोदन के बाद विवि की प्रवेश निर्देशिका में प्रवेश संख्या 35 में दी गई व्यवस्था में आंशिक संशोधन किया गया है। 

 

स्नातक के छात्रों को पढ़ाई के दौरान दो वर्ष से अधिक के गैप की बाध्यता को व्यापक छात्रहित में समाप्त कर दिया गया है, लेकिन प्रतिबंध यह रहेगा कि स्नातक की उपाधि छह वर्ष के भीतर पूरी करनी होगी।

छात्रों को मिलेगा नियम बदलने से लाभ

विवि ने पहले स्नातक के रेगुलर डिग्री कोर्स में दो वर्ष से अधिक के गैप को समाप्त कर दिया था। यानी किसी छात्र ने प्रथम वर्ष की पढ़ाई करने के बाद लगातार दो वर्ष अनुपस्थित रहने के बाद चौथे वर्ष अपनी पढ़ाई जारी रखकर द्वितीय वर्ष पूरा करना था, लेकिन अब छात्र नियमित प्रथम व द्वितीय वर्ष पास कर अगले तीन वर्ष तक पढ़ाई करने में समर्थ नहीं भी होता है तो उसे छठे वर्ष में अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर स्नातक की डिग्री मिल सकेगी।